
भैरव जी की आरती – काल भैरव का रौद्र रूप और भक्ति
🔱 भैरव जी की आरती: काल भैरव की कृपा पाने का चमत्कारी मार्ग
Bhairava Ji Ki Aarti सनातन धर्म में अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली मानी जाती है। भगवान काल भैरव, जो शिव के रौद्र रूप हैं, उनकी आरती करने से भय, संकट, बुरी शक्तियों और बाधाओं का नाश होता है। Lord Bhairav Aarti का नियमित पाठ जीवन में स्थिरता, आत्मबल और मन की शक्ति प्रदान करता है।
आरती में भगवान भैरव की तेजस्विता, वाहन (कुत्ता), त्रिशूल, डमरू, खप्पर आदि का उल्लेख होता है, जो हमें उनके रक्षक और न्यायप्रिय स्वरूप की याद दिलाते हैं। हर मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से यह आरती करनी चाहिए, जिससे शीघ्र फल की प्राप्ति होती है।
🕯️ भैरव जी की आरती का लाभ
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मन से भय और नकारात्मक ऊर्जा का नाश
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रोग, ऋण और शत्रु बाधा से मुक्ति
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न्यायिक मामलों में सफलता
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गुप्त शक्ति और अदृश्य सहयोग की प्राप्ति
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यात्रा, व्यापार और सुरक्षा में वृद्धि
🙏 भैरव जी की आरती (पूर्ण रूप)
🔹 आरती श्री भैरव जी की
आरती श्री भैरव जी की, कीर्तन करें दिन रैन।
भूत पिशाच निकट नहीं आवें, महिमा अपार है तैन।।
काले वेश में सुंदर तेरा रूप, चंद्र ललाट विराजे।
हाथ त्रिशूल डमरू खप्पर, बगल कुत्ता साजे।।
धूप दीप नैवेद्य चढ़ाएं, करते तेरी सेवा।
जो भी मन से नाम जपें, दूर हो संकट भयंकर मेवा।।
द्वार खड़े हो काल रूप धारी, चौंक हटावें राह।
नाम जपे जो भैरव तेरा, कभी न होवे असफल चाह।।
जय भैरव जय भैरव, संकट हारन तुही।
रक्षा कर हर पल मेरी, नाथ स्वरूप महाकाल तुही।।
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