
गवान विश्वकर्मा की डिजिटल भक्ति छवि – आरती और पूजा के लिए आदर्श चित्र
विश्वकर्मा जी की आरती: देव शिल्पकार की भक्तिपूर्ण स्तुति
विश्वकर्मा जी की आरती भगवान विश्वकर्मा की महिमा का गुणगान करती है, जो सृष्टि के पहले इंजीनियर और वास्तुकार माने जाते हैं। हिन्दू धर्म में उन्हें शिल्प, निर्माण, और यंत्र विज्ञान का देवता कहा जाता है। हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा के रूप में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
इस दिन विशेष रूप से कारखानों, मशीनों, उपकरणों, कार्यालयों और शिल्प से जुड़े स्थानों पर पूजा की जाती है। यह आरती भक्तों के मन में कर्म, विकास और निर्माण के प्रति श्रद्धा उत्पन्न करती है और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने का माध्यम बनती है।
भगवान विश्वकर्मा का महत्व और पूजा विधि
भगवान विश्वकर्मा को सभी यंत्रों के स्वामी के रूप में पूजा जाता है। यह पूजा खासतौर पर इंजीनियरों, मिस्त्रियों, कारीगरों, आर्किटेक्ट्स, और मशीनरी से जुड़े लोगों द्वारा की जाती है।
आरती करते समय, श्रद्धालु भगवान से सुरक्षित कार्यक्षेत्र, समृद्धि, और नई तकनीकी में सफलता की कामना करते हैं। यह आरती न केवल भक्ति का भाव देती है बल्कि कर्म के क्षेत्र में प्रेरणा और शक्ति भी प्रदान करती है।
सम्पूर्ण विश्वकर्मा जी की आरती हिंदी में
🔧 विश्वकर्मा जी की आरती 🔧
जय श्री विश्वकर्मा, प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।
सकल सृष्टि के करता, पालनकर्ता धर्मा॥
वेदों के तुम ज्ञाता, यंत्रों के अविनाशी।
शिल्प कला के दाता, सब विधियों के राशी॥
राजा तुम्हे मनाते, सेठ सब पूजते हैं।
श्रमिकजन गुन गाते, सदा चरणों में रहते हैं॥
दिया रूप अनुपम, बनाया ये संसार।
तुम बिन अधूरा, हर यंत्र, हर अवतार॥
विष्णु का सुदर्शन चक्र, शिव का त्रिशूल प्यारा।
इंद्र का वज्र निर्मित, तुमने किया सारा॥
भक्त करें जो सेवा, कभी ना दुःख पावें।
विश्वकर्मा भगवान की, कृपा सदा बरसावे॥
आरती जो गावे, मनवांछित फल पावे।
कहत शुभ शरण, हर संकट टल जावे॥
निष्कर्ष
विश्वकर्मा जी की आरती न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कर्मशील जीवन का प्रतीक भी है। जब कोई भक्त इस आरती को भावपूर्वक गाता है, तो वह अपने कार्य क्षेत्र में सफलता, सुरक्षा और उन्नति प्राप्त करता है।
अगर आप व्यवसायी, इंजीनियर, तकनीकी कर्मचारी, या कारीगर हैं, तो भगवान विश्वकर्मा की आरती आपके जीवन में विशेष फलदायी हो सकती है। इस विश्वकर्मा पूजा पर इस आरती को जरूर गाएं और भगवान से अपने कार्य में सिद्धि की कामना करें।
Discover more from KhabriDose
Subscribe to get the latest posts sent to your email.