
श्री चित्रगुप्त जी की आरती | डिजिटल भक्ति चित्र | कर्मों के देवता का दिव्य स्वरूप
श्री चित्रगुप्त जी की आरती | Shri Chitragupt Aarti in Hindi
भगवान चित्रगुप्त जी को यमराज के सचिव और मनुष्य के समस्त कर्मों के लेखा-जोखा रखने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। वे न्यायप्रिय, धर्मशील और सत्य की प्रेरणा देने वाले देवता माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि चित्रगुप्त जी की आरती से व्यक्ति अपने जीवन के पापों से मुक्त होकर पुण्य की राह पर अग्रसर होता है।
कायस्थ समाज के आराध्य देव श्री चित्रगुप्त जी का पूजन विशेष रूप से दीपावली के दूसरे दिन अर्थात यम द्वितीया या चित्रगुप्त पूजा दिवस पर किया जाता है।
चित्रगुप्त जी की पूजा का महत्व
चित्रगुप्त जी को लेखनी और दवात का देवता माना जाता है। उनका स्मरण करने से व्यक्ति को अपने कर्मों का बोध होता है और वह जीवन में न्याय, नैतिकता और धर्म की ओर प्रेरित होता है।
उनकी पूजा से:
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पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है
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सभी बुरे कर्मों का नाश होता है
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जीवन में न्याय और संतुलन की स्थापना होती है
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मन और बुद्धि शुद्ध होती है
श्री चित्रगुप्त जी की आरती (हिंदी में)
🪔 श्री चित्रगुप्त जी की आरती 🪔
जय चित्रगुप्त भगवान, करुणा सागर दयालु।
कायस्थ कुल के देवता, तुम हो न्याय के भालु॥
लेखनी-दवात विराजे, कर में कर्मों का लेखा।
हर पल तुमको ध्याते हैं, हम सब जीव अनेक॥
यम के सचिव महान, तुम हो धर्म के रक्षक।
सच्चे भाव से जो पुकारे, बने जीवन उसका उज्जवल॥
आरती जो कोई गावे, भाव भक्ति से गाए।
चित्रगुप्त जी कृपा करें, सुख-शांति घर आए॥
निष्कर्ष
श्री चित्रगुप्त जी की आरती केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक जागरण है जो हमें हमारे कर्मों की दिशा का बोध कराती है। हर व्यक्ति को अपने जीवन में न्याय और धर्म की स्थापना के लिए चित्रगुप्त जी की आराधना करनी चाहिए। उनकी कृपा से जीवन में सुख, शांति और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।
यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन से संकट दूर हों और हर कार्य में सफलता मिले, तो चित्रगुप्त जी की आरती का नित्य पाठ करें।
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