
यह एक राजनीतिक चित्र है जो ममता बनर्जी के शासनकाल के दौरान पश्चिम बंगाल में हुए बड़े घोटालों और बलात्कार मामलों को दर्शाता है। इसमें ममता बनर्जी का चित्र और बोल्ड टेक्स्ट शामिल है।
कोलकाता, जुलाई 2025 — जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक ऐतिहासिक चौथे कार्यकाल की ओर देख रही हैं, उनकी सरकार को करोड़ों की भ्रष्टाचार की घटनाओं से लेकर यौन हिंसा के चौंकाने वाले मामलों तक, कई घोटालों का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी दलों की तीव्र आलोचना और जनता में उभरता अविश्वास यह सवाल खड़ा कर रहा है: क्या ये घोटाले ममता का चौथा लगातार कार्यकाल छीन लेंगे?
भ्रष्टाचार व घोटाले – ममता सरकार की राजनीतिक समयरेखा
पिछले दशक में, त्रिपक्षीय कांग्रेस (टीएमसी) और ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन, और राजनीतिक संरक्षण की कई गंभीर शिकायतें सामने आईं। इनमें से प्रमुख मामले हैं:
1. सरदथा चिट फंड घोटाला
₹2,500 करोड़ के इस पोंज़ि स्कीम में कई टीएमसी नेता संलिप्त पाए गए। ढांचे की जांच, गिरफ्तारी और सरकार की चुप्पी ने मध्यवर्गीय निवेशकों की नाराज़गी और ममता की राजनीतिक छवि को ठेस पहुंचाई।
2. नारदा स्टिंग ऑपरेशन
2016 में जारी वीडियोज़ ने वरिष्ठ टीएमसी नेताओं द्वारा कथित रिश्वत लेते हुए दिखाया। ममता ने इन्हें फर्जी बताते हुए पुर्ननिर्मित दावा किया, लेकिन सीबीआई द्वारा चार्जशीट ने टीएमसी की पारदर्शिता वाली छवि को झकझोरा।
3. स्कूल भर्ती घोटाला (एसएससी जॉब्स)
पूर्व शिक्षा मंत्री पर्वा चटर्जी पर स्कूल नौकरियां नकली तरीके से बेचने का आरोप लगा। ईडी ने उनके सहयोगी के कहि करोड़ों रुपये जब्त किये। यह टीएमसी के “गरीबों की आवाज़” वाले नारों को कमजोर करता दिखा।
4. मवेशी तस्करी और कोयला घोटाला
टीएमसी के बड़े नेता अनुब्रत मंडल पर अनियमित मवेशी तस्करी के साथ-साथ कोयला माफिया के समर्थन का आरोप है। पुलिस, सीमा सुरक्षा बल, और स्थानीय प्रशासन पर कथित संरक्षण देने के आरोप थे। कई वरिष्ठ नेता अभी जांच के दायरे में हैं।
यौन हिंसा के मामले – ममता सरकार की छवि पर प्रश्न
1. संसेखली यौन शोषण मामला
2024 की शुरुआत में संसेखली की महिलाओं ने टीएमसी नेता शेख़ शाहजहाँ पर बलात्कार, ज़मीन हथियाने और उत्पीड़न का आरोप लगाया। ममता की गैरहाज़िरी और आरोपों को झूठा मानने का बयान खूब आलोचना बटोर रहा है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच का आदेश दिया।
2. आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या
अगस्त 2024 में एक डॉक्टरेट छात्रा को अस्पताल परिसर में बलात्कार कर हत्या किए जाने पर बंगाली मेडिकल समुदाय में भारी आक्रोश हुआ। प्रारंभिक पुलिस सुस्ती, बाद में सीबीआई जांच और पीड़िता के पिता द्वारा ममता सरकार पर गवाहों को पैसे देकर दबाने का आरोप इस घटना को राष्ट्रीय मुद्दा बना गए।
3. हंसखली गैंग रेप मामला
2022 में नदिया जिले के हंसखली में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप और बाद में अग्नि में जलाकर हत्या के आरोप लगी। ममता का “क्या यह बलात्कार था या प्रेम प्रसंग?” कहना बेहद विवादास्पद रहा, जिस पर पूरे देश में तगड़ी आलोचना हुई।
4. 2025 का कैंपस गैंग रेप
2025 में एक कानून छात्रा के साथ कैंपस में गैंगरेप ने फिर से पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा पर बहस को तेज कर दिया। केंद्र और नागरिक समाज ने ममता सरकार को व्यापक दोषी ठहराया।
क्या ममता का चौथा कार्यकाल खतरे में?
भ्रष्टाचार और यौन हिंसा के मामलों की बढ़ती सूची, खासकर टीएमसी नेताओं की संलिप्तता और राजनीतिक संरक्षण के कारण जनता का भरोसा कमजोर हुआ है। “दिदी, गरीबों की रक्षक” वाली उनकी छवि अब संकट में दिख रही है।
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शहरी वोटर, युवा, खासकर महिलाएं, इस कड़ी के कारण निराश दिख रही हैं।
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भाजपा-कांग्रेस ने इन मामलों को “अव्यवस्था और कवर-अप” बता कर चुनावी मुद्दा बना दिया है।
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सीबीआई व ईडी जांचें चालू हैं और चुनाव से पहले और आरोप उजागर हो सकते हैं।
फिर भी, ममता को ग्रामीण बंगाल, अल्पसंख्यक वर्ग, और उनके वेलफेयर योजनाओं (जैसे ‘দোয়ার সর্কার’, ‘কন্যাশ্রী’) के प्रति समर्थन का भरोसा है। टीएमसी का संगठनात्मक नियंत्रण अब भी मजबूत है।
कैसे इन घटनाओं से ममता बनर्जी की 2026 चुनाव यात्रा प्रभावित हो सकती है?
कॉर्पोरेशन्स और यौन हिंसा की घटनाओं से उठता जनाक्रोश और सरकारी उदासीनता ममता को चुनौतियों का सामना करवा रहा है। सोचनीय है कि क्या बंगाली बूथपरस्त समर्थन अंतरिम मेहरबानियों (vote swing, especially from women) और विरोध के रूझानों में बदल जायेगा?
2026 के चुनावों की दृष्टि से, ममता का चौथा कार्यकाल पहली बार चुनौतीपूर्ण दिखाई दे रहा है।
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